आप सरकार ने मजीठिया के खिलाफ मामला दर्ज कर कानून का किया उल्लंघन : शिअद
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने गुरुवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने वरिष्ठ शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ बिना किसी प्रारंभिक या नियमित जांच के आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करके कानून का उल्लंघन किया है;
चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने गुरुवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने वरिष्ठ शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ बिना किसी प्रारंभिक या नियमित जांच के आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करके कानून का उल्लंघन किया है।
यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भुंडर, महेशिंदर सिंह ग्रेवाल और डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने आप सरकार पर पंजाबियों को गुमराह करने और अदालत की अवमानना करने का आरोप लगाया कि मजीठिया को 540 करोड़ रुपये के ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया है।
महेशिंदर ग्रेवाल ने कहा, “यह न केवल बेतुका है बल्कि झूठ का पुलिंदा है जिसके लिए आप नेताओं को जवाबदेह ठहराया जाएगा।” उन्होंने कहा, “सरकार को बताना चाहिए कि उसने प्राथमिकी या अन्य तरीके से गढ़े गए 540 करोड़ रुपये के आंकड़े के संबंध में एक भी शिकायत क्यों जारी नहीं की।”
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत जब दिल्ली शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था, तो शराब ठेकेदारों की ओर से विशेष शिकायतें आई थीं कि उन्होंने दोनों को रिश्वत के पैसे दिए थे। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे मजीठिया को पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एनडीपीएस मामले में उच्च न्यायालय ने जमानत दी थी, जब अदालत ने पाया कि ड्रग मनी की कोई बरामदगी नहीं हुई थी, कोई लेनदेन साबित नहीं हुआ था और कोई पैसा नहीं बदला गया था।
ग्रेवाल ने कहा कि सरकारी वकील ने कहा कि मजीठिया के खिलाफ केवल आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है। यह मनगढ़ंत है। शिकायत में बताई गई संपत्तियां मजीठिया के जन्म से पहले ही मजीठिया परिवार के पास थीं। मजीठिया परिवार एक पुराना जमींदार परिवार है, जिसके दादा के पास विमान और यहां तक कि एक रोल्स रॉयस कार भी थी। यह भी गलत आरोप लगाया गया है कि मजीठिया सराया इंडस्ट्रीज में निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार थे, जबकि उन्होंने 2007 में कंपनी के निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया था।
डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि मजीठिया के खिलाफ नए मामले में उल्लेखित सभी आरोप हाल ही में उच्चतम न्यायालय में प्रस्तुत किए गए थे जबकि एनडीपीएस मामले में अकाली नेता को दी गई जमानत रद्द करने की मांग की गई थी। शीर्ष अदालत ने आरोपों का संज्ञान नहीं लिया और अब उन्हें फिर से पेश करके एक नया मामला बना दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे आप सरकार ने मोहाली कोर्ट में कर्फ्यू जैसी स्थिति बना दी थी जहां आज मजीठिया को पेश किया गया था जिसके परिणामस्वरूप वादियों को परेशान किया गया।
वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि इस प्रतिशोधात्मक कार्रवाई ने लोगों को आपातकाल की याद दिला दी है और इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया। उन्होंने कहा कि आप सरकार तीन साल से भी अधिक समय से मजीठिया को झूठे मामले में फंसाने की कोशिश कर रही है और उसने बार-बार एसआईटी का गठन किया है और यहां तक कि अधिकारियों को निलंबित भी किया है ताकि वे अपना अवैध काम कर सकें। उन्होंने मजीठिया के साथ एकजुटता व्यक्त करने और प्रतिशोधात्मक कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाने के लिए विपक्ष का भी आभार व्यक्त किया।