अमेरिकी बमबारी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन : ईरानी परमाणु एजेंसी

ईरान के 'एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन' ने कहा है कि उसकी न्यूक्लियर साइट्स पर हमले 'अंतरराष्ट्रीय कानून' का उल्लंघन है। हालांकि, ऑर्गेनाइजेशन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन हमलों से कितना नुकसान हुआ है;

By :  Dblive
Update: 2025-06-22 05:17 GMT

नई दिल्ली। ईरान के 'एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन' ने कहा है कि उसकी न्यूक्लियर साइट्स पर हमले 'अंतरराष्ट्रीय कानून' का उल्लंघन है। हालांकि, ऑर्गेनाइजेशन ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इन हमलों से कितना नुकसान हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिकी सेना ने ईरान के फोर्डो, एस्फाहान और नतांज परमाणु स्थलों पर हमले किए। यह हमला रविवार सुबह 4.30 बजे (भारतीय समय के अनुसार) हुआ।

ईरान ने स्पष्ट किया है कि वह अपने 'नेशनल इंडस्ट्री' के काम को नहीं रोकेगा, जो देश के न्यूक्लियर डेवलपमेंट के लिए बेहद जरूरी है।

तेहरान की एजेंसी ने कहा कि उसकी न्यूक्लियर साइट्स पर हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं।

ईरान की परमाणु एजेंसी ने बयान में कहा, "ईरान का एटॉमिक एनर्जी ऑर्गेनाइजेशन ईरान को आश्वस्त करता है कि अपने दुश्मनों की साजिशों के बावजूद, अपने हजारों क्रांतिकारी और वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों की कोशिशों से, वह इस नेशनल इंडस्ट्री के डेवलपमेंट को नहीं रोकेगा। जो न्यूक्लियर कार्यक्रम में शहादत देने वालों का परिणाम है।"

ईरान पर एयर स्ट्राइक के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि अमेरिकी सेना ने ईरान के फोर्डो, एस्फाहान और नतांज परमाणु स्थलों पर हमले किए हैं।

ट्रंप ने सोशल प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ' पर लिखा, "हमने ईरान में तीन न्यूक्लियर साइट्स—फोर्डो, नतांज और एस्फाहान, पर अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है। सभी प्लेन अब ईरान के एयर स्पेस से बाहर हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई और सेना नहीं, जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है!"

इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यह अमेरिका, इजरायल और दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक मौका है। ईरान को यह संघर्ष खत्म करने के लिए सहमत होना चाहिए।

इससे पहले, शुक्रवार को ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने ईरान को अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बातचीत के लिए ज्यादा से ज्यादा दो हफ्ते का समय दिया है।

13 जून को, इजरायल ने ईरान पर हवाई हमले शुरू किए थे, जिसमें कई बुनियादी ढांचे नष्ट हुए। इसके साथ ही दर्जनों ईरानी सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई। इसके जवाब में, ईरान ने इजरायल के कई स्थानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए।

Full View

Tags:    

Similar News