चुनाव आयोग के सहारे लाखों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटवाने की साजिश रच रही है भाजपा : तेजस्वी यादव

चुनाव आयोग के सहारे लाखों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटवाने की साजिश रच रही है भाजपा : तेजस्वी यादव
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बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाते हुये दावा किया है कि भाजपा चुनाव आयोग के सहारे राज्य के लाखों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटवाने की साजिश रच रही है

पटना। बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने आज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाते हुये दावा किया है कि भाजपा चुनाव आयोग के सहारे राज्य के लाखों मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटवाने की साजिश रच रही है।

तेजस्वी यादव ने मीडिया में यहां जारी बयान में कहा कि प्रदेश में सात करोड़, 90 लाख पंजीकृत मतदाता हैं। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा के इशारे पर एक प्रतिशत मतदाताओं के नाम को भी हटा दिया जाता है तो यह आंकड़ा सात लाख, 90 हजार तक पहुंचता है। उन्होंने दावा किया है कि भाजपा का लक्ष्य इस एक प्रतिशत को बढ़ाकर चार से पांच प्रतिशत तक ले जाने का है, इससे 30 से 40 लाख तक लोगों के नाम मतदाता सूची से हट सकते हैं।

तेजस्वी ने बताया कि राज्य में 243 विधानसभा क्षेत्र हैं।यदि इन सभी विधानसभा क्षेत्रों से एक प्रतिशत मतदाता भी हटाये गये तो इसका औसत परिणाम हर विधानसभा क्षेत्र में दिखेगा।इसका प्रभाव हर विधानसभा क्षेत्रों के करीब 3251 मतदाताओं पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इसी तरह राज्यस्तर पर 77 हजार, 895 मतदान केंद्र है। हर विधानसभा में औसतन 320 मतदान केंद्र होते हैं, यदि हर मतदान केंद्र से औसत दस मतदाताओं के नाम भी हटाये जाते हैं तो तो उस पूरे विधानसभा क्षेत्र के 3200 मतदाताओं के नाम सूची से हटने की संभावना है और यह संख्या किसी भी चुनाव को प्रभावित करने के लिये पर्याप्त है।

नेता प्रतिपक्ष ने पिछले चुनाव के आंकड़ों का हवाला देते हुये कहा कि वर्ष 2015 में 15 और 2020 में 35 सीटें ऐसी थीं जहां जीत और हार का अंतर तीन हजार मतों से भी कम था। उन्होंने कहा कि यदि इस अंतर को पांच हजार वोटों तक गिना दिया जाये तो गत दोनों ही विधानसभा चुनावों में यह अंतर 32 और 52 सीटों तक पहुँच जाता है।इस परिदृश्य में मतदाताओं की छंटनी से इन विधानसभा क्षेत्रों के चुनावी परिणाम पूरी तरह बदल सकते हैं।

राजद नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ऐसे विधानसभा क्षेत्रों में स्थित चूने हुये बूथों, समुदायों और वर्गों को लक्ष्य बना रही है जहां उन्हें हार का डर है या जहां मतदाताओं का झुकान सत्ता विरोधी पार्टियों की ओर है। उन्होंने इसे ‘लोकतंत्र की हत्या की साजिश’ बताते हुए इससे जनता से सतर्क रहने की अपील की है।

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